19.भार शिवों के कार्य
''भार शिवों ने मुख्य कार्य यह किया था की उन्होंने एक नई परंपरा की नीव डाली थी या कम से कम
एक पुराणी परंपरा का पुनरुद्धार किया था और वह परंपरा हिन्दू स्वतंत्रता तथा प्रधान राज्याधिकार की थी / ………...। भार शिवों ने जो परंपरा चलाई थी वाकाटकों ने उसकी रक्षा की थी और पीछे गुप्तों ने भी उसी को ग्रहण किया था और चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य से लेकर बालादित्य तक सभी परवर्ती सम्राटों ने पूर्ण रूप से उसकी रक्षा की थी / यदि भार शिव न होते तो न तो गुप्त साम्राज्य ही अस्तित्व में आता और न गुप्त विक्रमादित्य आदि ही होते / ''
[ अन्धकार युगीन भारत लेखक डा . काशीप्रसाद जायसवाल पृष्ठ ९ ,१० ]
POSTED ON FACEBOOK
BY- कैलाश नाथ राय भरतवंशी
FACEBOOK
ADDRESS.- kailashnathrai0023@gmail.com
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें