सोमवार, 20 अप्रैल 2015

सुहलदेव राजभर की मूर्ति सारनाथ वाराणसी



सुहलदेव राजभर की मूर्ति  सारनाथ वाराणसी
यह राष्ट्रीय वीर महाराज सुहलदेव राजभर की मूर्ति सुहलदेव राजभर पार्क में सारनाथ वाराणसी उत्तर प्रदेश में लगी हुई है। बनारस राजभर राजा बंदार राजधानी थी इसी बनारस में राजभरों के लोकप्रिय महाराजा वीरसेन भारशिव ने बनारस में दशामेघ घाट जहां पर है दस अश्वमेघ यज्ञ करवाया था। इसी बनारस में नागवंशी राजभरों का किला जो नगवा किला के नाम से जाता है, था। यह सत्य है कि जब फूल लगता है तो फल बनता है फिर फकता है फिर गिरता है इसे कोई रोक नहीं सकता। लेकिन यह भी सत्य है कि उसी फल में बीज भी होता और मौसम पाकर अंकुरण निकलते हैं या अंकुरित होता है और फिर पेड़ बन जाता है। इसी तरह से राजभर समाज का आज अंकुरण हो चुका है। 
इस महाराजा सुहलदेव जी के प्रतिमा का अनावरण माननीय श्री सुखदेव राजभर, मंत्री संसदीय कार्य एवं रेशम उद्योग उत्तर प्रदेश के करकमलों द्वारा किया गया। माननीय श्री अमरनाथ यादव नगर प्रमुख वाराणसी की अध्यक्षता में किया गया और श्रीमती दुर्गादेवी मौर्या एवं श्रीमती राजकुमारी देवी राजभर सभासदगण विशिष्ट उपस्थिति में दिनांक 25.6.2002 को सम्पन्न हुआ। इंजीनियर जितेन्द्र केन, एस.के. श्रीवास्तव अधिकारी वाराणसी, बाबूलाल अधिकारी आदि लोग मौजूद थे।

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